गन्ना किसान बनेंगे लखपति ? सरकार की नई योजना से बढ़ेगी आमदनी
भारत सरकार ने गन्ना किसानों और चीनी मिलों के लिए राहत देने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में एथनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार शुरू कर दिया है। यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ा वित्तीय समर्थन हो सकता है, जिससे उनकी आय में सुधार होगा और चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार की उम्मीद है। इस प्रस्ताव पर नवंबर 2024 से शुरू होने वाले सत्र के लिए चर्चा चल रही है।
एथनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी: सरकार की नई योजना
सरकार पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिलाकर ईंधन को सस्ता करने की कोशिश कर रही है। साथ ही, वह एथनॉल की कीमतें बढ़ाकर किसानों और मिलों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। जल्द ही एथनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
किसानों को मिलेगी आर्थिक राहत
सरकार ने एथनॉल की कीमतों में वृद्धि के प्रस्ताव को गंभीरता से लिया है। यह वृद्धि गन्ने के उचित मूल्य को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त कराना और उनके आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना है। एथनॉल की कीमतों में वृद्धि से चीनी मिलों को भी लाभ होगा, जो उन्हें गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद करेगी।
वर्तमान में, गन्ने के रस से उत्पादित एथनॉल की कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर है। ‘बी-हेवी’ और ‘सी-हेवी’ गुड़ से उत्पादित एथनॉल की दरें क्रमशः 60.73 रुपये और 56.28 रुपये प्रति लीटर हैं। सरकार का लक्ष्य है कि एथनॉल की कीमतों में उचित बढ़ोतरी से किसानों की आय में सुधार हो और चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति को भी मजबूत किया जा सके।
हरित ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
पेट्रोलियम मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने इस प्रस्ताव पर पहले ही एक दौर की चर्चा कर ली है। इसके तहत, सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का है। एथनॉल की कीमतों में संशोधन इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जैव ईंधन निर्माण के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की बात की थी। उनका कहना है कि भारत 2030 की समयसीमा से पहले ही 2025-26 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। यह भारत की हरित ऊर्जा प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी सहायक होगा।
मिश्रण लक्ष्यों की प्रगति
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में एथनॉल मिश्रण जुलाई 2024 तक 13.3 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो कि 2022-23 सत्र में 12.6 प्रतिशत था। देश की कुल एथनॉल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 1,589 करोड़ लीटर है। पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने 2023-24 सीजन के दौरान मिश्रण के लिए 505 करोड़ लीटर एथनॉल खरीदी है।
अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती
एथनॉल की कीमतों में संभावित वृद्धि किसानों और चीनी मिलों दोनों के लिए एक आर्थिक संजीवनी हो सकती है। यह कदम न केवल किसानों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। सरकार का यह प्रयास गन्ना किसानों की खुशहाली और देश के हरित ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।