रीवा में गैंगवार: दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष, अवैध हथियारों का प्रयोग, दो की हालत गंभीर

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रीवा, 3 अगस्त 2024: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के लाडली पथ में बीती रात दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस खूनी खेल में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनमें से दो की हालत अत्यंत नाजुक है।

घटनाक्रम:

मिली जानकारी के अनुसार, लाडली पथ में रात तकरीबन 2 बजे के आस-पास दो गुटों के बीच एक पुराने विवाद को लेकर तकरार शुरू हो गई। यह विवाद जल्द ही एक हिंसक संघर्ष में बदल गया, जिसमें अवैध हथियारों का खुलकर प्रयोग किया गया। स्थानीय लोगों और सूत्रों के अनुसार, इस संघर्ष में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जानलेवा हमले किए, जिससे स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई।

घायल और इलाज:

इस संघर्ष में कृष्ण चतुर्वेदी, जो कि बोदाबाग निवासी हैं, और पवन ठाकुर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कृष्ण चतुर्वेदी को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि पवन ठाकुर की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका इलाज रीवा के मिनर्वा अस्पताल में चल रहा है। अन्य दो घायलों की पहचान संजय रॉक और राहुल मिश्रा के रूप में की गई है, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है।

पुलिस की कार्रवाई:

घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल से दो बुरी तरह से क्षतिग्रस्त वाहन बरामद किए हैं, जिनमें से एक बोलरो गाड़ी खून से लथपथ मिली है और दूसरी थार गाड़ी भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई है। पुलिस ने संजय रॉक और राहुल मिश्रा को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।

पुलिस जांच और क्षेत्रीय सुरक्षा:

इस घटना के बाद पुलिस ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष दल तैनात किया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह संघर्ष पुरानी रंजिश का परिणाम हो सकता है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष:

रीवा जिले में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाओं के बीच यह घटना सुरक्षा के गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि अपराध पर काबू पाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं और क्षेत्र में कानून व्यवस्था को सख्त किया जाए।

पुलिस की जांच जारी है और इस मामले में आगे की कार्रवाई पर नजर रखी जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्रवासियों और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वे मिलकर इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।