आधार नंबर से लिंक होगी प्रॉपर्टी, संपदा-2 से बदलेगी रजिस्ट्री व्यवस्था, ओटीपी बताने पर हो जाएंगे ई-साइन

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15 अगस्त से लागू हुए संपदा-2 सॉफ्टवेयर के तहत रजिस्ट्री प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिसने संपत्ति रजिस्ट्री को आसान और पारदर्शी बना दिया है। इस नई प्रणाली के अनुसार, अब संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए लोगों को जिला पंजीयन कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और न ही गवाहों की आवश्यकता रहेगी।

क्या है संपदा-2?

संपदा-2, एक नई डिजिटल प्रणाली है जो संपत्तियों को आधार नंबर से लिंक करती है। इस प्रक्रिया के तहत, जब भी कोई संपत्ति रजिस्ट्री के लिए प्रस्तुत की जाती है, तो संबंधित व्यक्ति के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाता है। इस ओटीपी की पुष्टि करने पर रजिस्ट्री स्वचालित रूप से ई-साइन हो जाती है। इससे पहले संपदा-1 प्रणाली के तहत, रजिस्ट्री के लिए गवाहों की आवश्यकता होती थी और पूरी प्रक्रिया को जिला पंजीयन कार्यालय में संपन्न किया जाता था।

नए सिस्टम के फायदे

  1. साधारण प्रक्रिया: अब, रजिस्ट्री के लिए जिला पंजीयन कार्यालय की यात्रा की आवश्यकता नहीं है। सर्विस प्रोवाइडर के पास जाकर पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। गवाह केवल सर्विस प्रोवाइडर के पास होंगे, जिससे प्रक्रिया सरल और प्रभावी हो गई है।
  2. समय की बचत: नए सिस्टम के तहत संपत्ति की एक आईडी तैयार हो जाती है, जो ई-केवाईसी के माध्यम से संबंधित जानकारी प्रदान करती है। इससे लोगों का समय बचता है और रजिस्ट्री प्रक्रिया तेजी से पूरी होती है।
  3. फर्जीवाड़ा कम होगा: आधार लिंकिंग और ओटीपी आधारित ई-साइन से फर्जी रजिस्ट्री के मामलों में कमी आएगी। यह सुनिश्चित करता है कि केवल असली प्रॉपर्टी मालिक ही रजिस्ट्री करवा सके।

सिस्टम का कार्यान्वयन

जिला उप पंजीयक राहुल बागड़े ने लोकल18 से बात करते हुए बताया कि 15 अगस्त से संपदा-2 प्रणाली की शुरुआत हो चुकी है। स्टाफ को नई प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें ऑनलाइन रजिस्ट्री की विधियों को शामिल किया गया है। इस प्रणाली के तहत, आधार से संपत्ति को लिंक किया जाएगा और राजस्व विभाग, नगरपालिका, कोषालय विभाग, और पंजीयन विभाग एक साथ काम करेंगे।

भविष्य की योजनाएं

संपदा-2 प्रणाली के कार्यान्वयन के पहले महीने के दौरान संपदा-1 और संपदा-2 दोनों प्रणालियों के तहत रजिस्ट्री की जाएगी। इसके बाद, संपदा-1 प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा और केवल संपदा-2 प्रणाली के तहत ही रजिस्ट्री की जाएगी।

इस नए बदलाव के साथ, रजिस्ट्री प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह न केवल लोगों के समय की बचत करेगा, बल्कि संपत्ति लेन-देन की सुरक्षा भी बढ़ाएगा।

नया सिस्टम आपको कैसे लगा? क्या आपको लगता है कि इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार होगा? अपने विचार और सुझाव नीचे कमेंट करें।