सतना में स्कूली बच्चों से मजदूरी कराने का मामला, हेड मास्टर पर गंभीर आरोप

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सतना: मध्य प्रदेश के सतना जिले के रामपुर बाघेलान विकासखंड में 27 जुलाई को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें शासकीय प्राथमिक पाठशाला फिफरी के हेड मास्टर राम नरेश साकेत पर स्कूली बच्चों से मजदूरी कराने का आरोप है। हेड मास्टर ने अपने खेत पर धान का रोपा लगाने के लिए स्कूल के 14 वर्षीय छात्र को ठेका दिया, जिसने अपने 12 सहपाठियों के साथ मिलकर यह काम किया।

घटना का विवरण

यह घटना तब प्रकाश में आई जब एक गांववाले ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छात्र खेत में धान का रोपा लगा रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

हेड मास्टर ने माना कि उन्होंने बच्चों से धान का रोपा लगवाया और इसके लिए उन्हें 150 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से मजदूरी भी दी। उनका कहना है कि खेत में काम कराने के लिए मजदूर उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे और मजदूरी भी अधिक देनी पड़ती। इसलिए उन्होंने छात्रों को यह काम करने के लिए बुलाया।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना का वीडियो सामने आने के बाद स्कूल के प्राचार्य ने हेड मास्टर राम नरेश साकेत को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है। प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

गांव के लोगों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। उनका कहना है कि बच्चों से मजदूरी कराना न केवल कानूनन गलत है बल्कि यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। एक ग्रामीण ने कहा, “बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल भेजा जाता है, न कि मजदूरी करने के लिए। यह बहुत ही शर्मनाक है कि हेड मास्टर ने इस प्रकार का काम किया।”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और हेड मास्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “हेड मास्टर को तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यह बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है।”

निष्कर्ष

सतना जिले में बच्चों से मजदूरी कराने का यह मामला न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है बल्कि शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता पर भी प्रकाश डालता है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन को और अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि हेड मास्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी को याद दिलाया है।