fraud – Adarsh News9 https://adarshnews9.com Get Latest News Sat, 10 Aug 2024 12:18:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://adarshnews9.com/wp-content/uploads/2024/07/adarshnews-logo-150x150.png fraud – Adarsh News9 https://adarshnews9.com 32 32 डिजिटल हाउस अरेस्ट का शिकार: उज्जैन में रिटायर्ड बैंक अधिकारी से ठगों ने 50 लाख रुपये ठग लिए https://adarshnews9.com/digital-house-arrest-ujjain-bank-officer-50-lakh-fraud/ Sat, 10 Aug 2024 12:18:30 +0000 https://adarshnews9.com/?p=966 उज्जैन के छाया नगर में एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी के साथ साइबर ठगों ने डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर अधिकारी को मनी लॉंड्रिंग के आरोप का डर दिखाया और उन्हें दो दिनों तक वीडियो कॉल पर “हाउस अरेस्ट” किया। पुलिस और साइबर सेल इस मामले की जांच में जुटे हैं।

विवरण:

65 वर्षीय राकेश कुमार जैन, जो कि एसबीआई के रिटायर्ड मैनेजर हैं, को एक साइबर ठग ने सीबीआई अधिकारी बनकर धमकाया। ठग ने जैन को बताया कि उनके बैंक खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है और उन्हें मनी लॉंड्रिंग के आरोप में फंसाने की धमकी दी। ठग ने जैन को वीडियो कॉल पर दो दिनों तक अरेस्ट रहने के लिए कहा और इस दौरान उन्हें किसी को घर में आने या बाहर जाने की इजाजत नहीं दी।

जैन ने ठग द्वारा भेजे गए दिल्ली कोर्ट और सीबीआई के वारंट को देखकर घबराकर किसी को जानकारी नहीं दी। इस दौरान ठग ने जैन से 50 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए और बाद में पूरी राशि निकाल ली। जब जैन को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने माधवनगर पुलिस को शिकायत की। एसपी प्रदीप शर्मा ने साइबर सेल को मामले की जांच सौंप दी है।

पहले भी हो चुकी है ठगी:

3 अगस्त को दिलीप बिल्डकॉन के मैनेजर मनीष दीक्षित को भी इसी तरह के डिजिटल हाउस अरेस्ट का शिकार बनाया गया था। ठग ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर मनी लॉंड्रिंग के आरोप का डर दिखाया और मैनेजर को घर में ही कैद कर लाखों रुपये की मांग की। हालांकि, मैनेजर के दोस्त ने मामले की जानकारी पुलिस को दी, जिससे ठगी का प्रयास विफल हो गया।

अन्य घटनाएँ:

8 अप्रैल को एक व्यापारी चरणजीत के साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी हुई थी। ठगों ने व्यापारी को वाट्सएप पर एक कॉल करके बताया कि करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में उनकी जाँच की जा रही है और डिजिटल अरेस्ट का आदेश भेजा। ठग ने व्यापारी से दो करोड़ रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करवाए, जिनके आरोपितों को बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

क्या है डिजिटल हाउस अरेस्ट ?

“डिजिटल हाउस अरेस्ट” एक साइबर धोखाधड़ी की तकनीक है जिसमें अपराधी व्यक्ति को ऑनलाइन माध्यम से यह विश्वास दिलाते हैं कि वह घर में “हाउस अरेस्ट” या गिरफ्तार हैं। इसके लिए वे किसी कानूनी एजेंसी, जैसे सीबीआई, के अधिकारी की तरह दिखाकर या उनके नाम से झूठे वारंट भेजकर दबाव बनाते हैं। इस दौरान, अपराधी व्यक्ति को घर से बाहर नहीं जाने की चेतावनी देते हैं और उन्हें वीडियो कॉल पर लगातार निगरानी में रखते हैं।

इस प्रक्रिया में, ठग आमतौर पर पीड़ित से पैसे या संवेदनशील जानकारी निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे पीड़ित को वास्तविक कानूनी या सुरक्षा संकट का सामना करने का आभास होता है। यह धोखाधड़ी का एक तरीका है जिसमें लोगों को अपने घर में बंद या अरेस्ट होने का भ्रामक एहसास कराया जाता है।

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