vande bharat – Adarsh News9 https://adarshnews9.com Get Latest News Tue, 13 Aug 2024 10:17:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://adarshnews9.com/wp-content/uploads/2024/07/adarshnews-logo-150x150.png vande bharat – Adarsh News9 https://adarshnews9.com 32 32 कैंसिल हुआ 100 वंदे भारत ट्रेनों का ऑर्डर: सरकार क्यों हुई नाराज? https://adarshnews9.com/100-vande-bharat-train-order-cancelled-reason/ Tue, 13 Aug 2024 10:17:05 +0000 https://adarshnews9.com/?p=994 देश भर में लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए वंदे भारत योजना को एक बड़ा झटका लगा है। भारतीय रेलवे ने 100 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का 30,000 करोड़ रुपये का ठेका रद्द कर दिया है। इस योजना के तहत इन ट्रेनों को बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही इस कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया गया है, जिससे इस परियोजना में देरी होने की संभावना है। रेलवे अब इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के लिए अधिक समय मांग रहा है।

टेंडर रद्द होने का कारण

वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए जारी किए गए टेंडर पर विवाद सामने आया है। एल्सटम इंडिया के एमडी, ओलिवर लुइसन ने मनीकंट्रोल को बताया कि टेंडर में वित्तीय मुद्दों के कारण समस्या उत्पन्न हुई। वंदे भारत ट्रेनों के लिए एलुमिनियम बॉडी बनाने को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन भारतीय रेलवे ने अंततः इस टेंडर को रद्द कर दिया। एल्सटम ने कीमतों को कम करने पर विचार करने की पेशकश की थी, लेकिन रेलवे ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

फ्रांस की कंपनी की कीमतों को लेकर असहमति

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, फ्रांसीसी कंपनी ने प्रति ट्रेन 150.9 करोड़ रुपये की कीमत मांगी थी, जो रेलवे के बजट से अधिक थी। रेलवे ने इसे 140 करोड़ रुपये तक लाने की बात की थी, और दबाव के चलते एल्सटम ने 145 करोड़ रुपये पर डील फाइनल करने की पेशकश भी की थी। हालांकि, यह कीमत 30,000 करोड़ रुपये में 100 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए तय की गई थी। पहले वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का हर वैगन 120 करोड़ रुपये में बनाने का टेंडर पहले ही फाइनल हो चुका था।

रेलवे को मिलेगा अतिरिक्त समय

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस टेंडर के रद्द होने से रेलवे को अपनी कीमतों का पुनः आकलन करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही, बिडिंग कंपनियों को अपने प्रस्तावों को समझने और सुधारने का मौका मिलेगा। अगले टेंडर में अधिक कंपनियों को शामिल करने की योजना है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और लागत में कमी आ सकती है। इस बार केवल दो कंपनियों ने बिड लगाई थी। टेंडर के तहत 13,000 करोड़ रुपये रैक की डिलीवरी पर और 17,000 करोड़ रुपये अगले 35 साल में रखरखाव के लिए प्रदान किए जाने थे।

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