यूपी की गैंग रीवा में कर रही थी एटीएम फ्रॉड, दो आरोपी गिरफ्तार
रीवा: उत्तर प्रदेश की एक गैंग ने रीवा जिले में एटीएम फ्रॉड की कई घटनाओं को अंजाम दिया। हाल ही में गोविंदगढ़ पुलिस ने इस मामले में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनके पास से ठगी के रुपये, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद की गई है। पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बड़े एटीएम फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिससे इलाके में सुरक्षा की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
संतोष पाठक पर दर्ज हैं दो दर्जन से अधिक मामले
मुख्य आरोपी संतोष पाठक, जो कि आदतन अपराधी है, पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में कई मामले दर्ज हैं। संतोष पाठक पर अब तक सिविल लाइन थाने में दस से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, इसके अतिरिक्त बिछिया, कोतवाली सतना, सीतापुर यूपी, लखनऊ ईस्ट जैसे अन्य जिलों में भी उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं। यह आरोपी 2019 के पहले से एटीएम फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है और एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा है।
पुलिस की तत्पर कार्रवाई और गिरफ्तारियां
गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने एटीएम बदलकर खाते से पैसे निकालने की शिकायत दर्ज कराई। इस पर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की और एसपी विवेक सिंह के नेतृत्व में डीएसपी हिमाली पाठक और थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल की टीम गठित की गई। टीम ने एटीएम बूथ और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की, जिससे संदिग्धों की पहचान हो गई। पुलिस ने घेराबंदी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी संदिग्ध अवस्था में एटीएम बूथ के पास वारदात को अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे।
बरामद सामग्री और आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार आरोपियों के पास से करीब दो लाख रुपए नकद, चार मोबाइल फोन, पांच एटीएम कार्ड और एक बाइक बरामद की गई है। पकड़े गए आरोपियों में संतोष पाठक, पिता भैयालाल पाठक, उम्र 40 वर्ष, निवासी रायपुर पट्टी, जिला प्रतापगढ़ यूपी और सुनील पाल, पिता पंचमपाल, निवासी सधईपुर थाना पट्टी, जिला प्रतापगढ़ शामिल हैं। पुलिस अब इन आरोपियों से पूछताछ कर अन्य घटनाओं और उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
वारदात को अंजाम देने की विधि
आरोपियों की कार्यशैली को लेकर पता चला है कि वे बाइक पर एक शहर से दूसरे शहर घूमते थे और एटीएम बूथ के आसपास सक्रिय रहते थे। जब कोई बुजुर्ग या सामान्य व्यक्ति एटीएम से पैसे निकालने जाता था, तो आरोपी उसका पिन देख लेते थे। इसके बाद, वे मदद करने के बहाने उस व्यक्ति का एटीएम कार्ड बदल लेते थे। जैसे ही व्यक्ति एटीएम से दूर जाता, आरोपी उसके खाते से पैसे निकालकर फरार हो जाते थे। पीड़ित तब तक मैसेज देखकर वापस आता, जब तक आरोपी भाग चुके होते थे।
इस घटना ने पुलिस को एटीएम फ्रॉड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का मौका दिया है, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति की संभावना कम हो सकती है।